क्या करेगा तू बता सबसे बड़ा धनवान बन,बन अगर बनना तुझे है, कुछ आदमी इंसान बन । चल, कि चलता देख कर, सहम जाये भी अचल,सिर झुकानी ही पड़े ऐसी न कोई चाल चल । कर्म का अपने ढिंढोरा पीटना बेकार है,हाथ में लेकर तुला, इतिहास जब तैयार है । हैं बुलाते मुक्त मन, संसार के सरे चमन, शूल बनकर क्या करेगा, तू अमन का फूल बन । सारहीनों का गगन छूना बहुत आसान है,सारवानो से घटा की गोद का सम्मान है। रत्न का अभिमान सागर में कभी पलता नहीं,आँधियों में जो उड़े उसका पता चलता नहीं । बन अगर बनना तुझे है, प्यार का हिमगिरि प्रबल, या ख़ुशी की गंध बन या बन दया सागर तरल । हाथ बन वह गर्व से, जिसको निहारें राखियां, या की बन कमजोर के संघर्ष की बैसाखियाँ । सीख मत बनना बड़ा तू खोखले आधार से, भाग्य से उपलब्ध वैभव या किसी अधिकार से। जीत ले जो प्यार से सबका ह्रदय विश्वास मन, मूर्ति वह सतधर्म की, सत्कर्म की साकार बन । Om Namah Shivay...
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